tag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post2527405667703973988..comments2023-10-08T17:57:00.440+05:30Comments on The ancient science and art of life: संत परम्पराबस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-4585247032374453072012-04-25T16:12:51.777+05:302012-04-25T16:12:51.777+05:30इस तार्किक एवं विश्वास्य सहज अनुकरणीय विज्ञ सुव्या...इस तार्किक एवं विश्वास्य सहज अनुकरणीय विज्ञ सुव्याख्यायित पोस्ट के लिएबधाई भी , ज़नाब का शुक्रिया .कृपया यहाँ भी पधारें -<br /><br />रविवार, 22 अप्रैल 2012<br /><br />कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन<br /><br />कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन<br /><br />डॉ. दाराल और शेखर जी के बीच का संवाद बड़ा ही रोचक बन पड़ा है, अतः मुझे यही उचित लगा कि इस संवाद श्रंखला को भाग --तीन के रूप में " ज्यों की त्यों धरी दीन्हीं चदरिया " वाले अंदाज़ में प्रस्तुत कर दू जिससे अन्य गुणी जन भी लाभान्वित हो सकेंगे |<br /><br />वीरेंद्र शर्मा<br /><br />~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*(वीरुभाई )<br /><br /> <br />नुस्खे सेहत के<br />http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com