tag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post2792416829143428902..comments2023-10-08T17:57:00.440+05:30Comments on The ancient science and art of life: आरोग्य चिंतनबस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-83386348145783024212011-01-23T13:52:46.059+05:302011-01-23T13:52:46.059+05:30हमारे पूर्वजों ने साकार श्रृष्टि के रचयिता को निरा...हमारे पूर्वजों ने साकार श्रृष्टि के रचयिता को निराकार यानि शून्य काल और स्थान से जुड़ा जाना,,,और इस कारण अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस प्रकार टेकनोलोजी के क्षेत्र में 'वर्तमान में' प्रगति के कारण हम किसी धोनी समान खिलाड़ी के किसी भी जोरदार छक्के को टेलिविशन पर बार-बार देख आनंद उठा सकते हैं, और उसको जीरो पर आउट होते देख दुखी होते,,, किन्तु शायद हम भूल जाते हैं, या अनदेखा कर देते हैं, कि हम मानव ही नहीं अपितु निम्न श्रेणी पर समझे जाने वाले अन्य पशु भी अनादि काल से निद्रावस्था में वैसे ही स्वप्न द्वारा आनंद उठाते आ रहे हैं,,,या दुखी होते! <br />और, जैसे आधुनिक खगोलशास्त्री अनंत शून्य-रुपी अंतरिक्ष के भीतर ही, अरबों वर्ष से तारे के रूप में निवास कर उसके 'ब्लैक होल' में परिवर्तित हो, उस की उपस्तिथि जान पाए हैं,,, वैसे ही शून्य काल के भीतर ही स्थापित अनंत काल-चक्र को समझने के लिए काल को चार युगों के द्वारा दर्शाया योगियों ने,,,और ब्रह्मा, यानि अपने सूर्य, के एक दिन को (जिसकी लीला के हम भी दृष्टा जाने गए, भले ही कुछ समय के लिए ही) हमारे चार अरब से अधिक वर्ष वाला जाना,,, और उसके पश्चात उतनी ही उसकी लम्बी रात (ब्रह्मा का प्रतिबिम्ब समान यद्यपि हमारा एक दिन औसतन केवल १२ घंटे का ही होता है, और उसके पश्चात १२ घंटे की रात,,,और निद्रावस्था को अर्ध-मृत अवस्था कहा गया)...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-48050651462175715362011-01-23T11:40:20.160+05:302011-01-23T11:40:20.160+05:30कौशलेन्द्र जी, हम शायद भाग्यवान हैं कि प्राचीनतम द...कौशलेन्द्र जी, हम शायद भाग्यवान हैं कि प्राचीनतम देश 'भारत' में अवतरित हुए हैं! किन्तु दूसरी ओर शायद इसे दुर्भाग्य भी कह सकते हैं कि, जैसे हमें, जिज्ञासुओं को, भटकाने के लिए, हर विषय पर अनंत सूचनाएं मिल जाएँगी,,, और उनमें से केवल किसी एक को ही धारण करना शायद सही न हो,,, तथाकथित कलियुग अथवा कलयुग के गुणों का आपने भी सही वर्णन किया है,,,किन्तु शायद ध्यान देने कि आवश्यकता है कि हिन्दू मान्यतानुसार काल चक्र में जो आत्माएं घूम रही हैं, एक बार प्रवेश पाने के बाद, उससे छूट पाना सरल नहीं है,,,बल्कि वो भी शायद किसी पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही तब तक उसमें अपना रोल पूरा कर ही 'मुक्ति' पा सकती हैं ("उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है" शायद सही होगा!)...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-5020090712271657712010-12-03T15:44:01.360+05:302010-12-03T15:44:01.360+05:30लेखन के मार्फ़त नव सृजन के लिये बढ़ाई और शुभकामनाए...लेखन के मार्फ़त नव सृजन के लिये बढ़ाई और शुभकामनाएँ!<br />-----------------------------------------<br />जो ब्लॉगर अपने अपने ब्लॉग पर पाठकों की टिप्पणियां चाहते हैं, वे वर्ड वेरीफिकेशन हटा देते हैं!<br />रास्ता सरल है :-<br />सबसे पहले साइन इन करें, फिर सीधे (राईट) हाथ पर ऊपर कौने में डिजाइन पर क्लिक करें. फिर सेटिंग पर क्लिक करें. इसके बाद नीचे की लाइन में कमेंट्स पर क्लिक करें. अब नीचे जाकर देखें :<br />Show word verification for comments? Yes NO<br />अब इसमें नो पर क्लिक कर दें.<br />वर्ड वेरीफिकेशन हट गया!<br />----------------------<br /><br />आलेख-"संगठित जनता की एकजुट ताकत<br />के आगे झुकना सत्ता की मजबूरी!"<br />का अंश.........."या तो हम अत्याचारियों के जुल्म और मनमानी को सहते रहें या समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय-सरकारी कर्मचारी, अफसर तथा आम लोग एकजुट होकर एक-दूसरे की ढाल बन जायें।"<br />पूरा पढ़ने के लिए :-<br />http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_29.htmlयदि बोलोगे नहीं तो कोई सुनेगा कैसे?-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'/ Dr. Purushottam Meena 'Nirankush'-सम्पादक-PRESSPALIKA, राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान, Mob : 98285-02666https://www.blogger.com/profile/01854980253449056926noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-7744157097348810142010-12-02T18:01:01.534+05:302010-12-02T18:01:01.534+05:30trustmeher.orgtrustmeher.orgकृषि समाधानhttps://www.blogger.com/profile/06900944481982123884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5634922597906551265.post-69371443553726054502010-12-02T18:00:43.997+05:302010-12-02T18:00:43.997+05:30अवतार मेहेर बाबा जी की जय
चन्दर मेहेर
trustmeher....अवतार मेहेर बाबा जी की जय<br />चन्दर मेहेर <br />trustmeher.blogspot.comकृषि समाधानhttps://www.blogger.com/profile/06900944481982123884noreply@blogger.com